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Showing posts from March, 2024

Aisi Aankhen Nahin Dekhin | Cover Songs Manjari

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 Aisi Aankhen Nahin Dekhin | Cover Songs Manjari  Lyrics  Aisi Aankhen Nahin Dekhin ऐसी आँखें नहीं देखी, ऐसा काजल नहीं देखा, ऐसा जलवा नहीं देखा, ऐसा चेहरा नहीं देखा। जब ये दामन की हवा दे— आग जंगल में लगा दे। जब ये सहराओं में जाए— रेत में फूल खिल जाए। ऐसी दुनिया नहीं देखी, ऐसा मंज़र नहीं देखा, ऐसा आलम नहीं देखा, ऐसा दिलबर नहीं देखा। उसके कंगन का खनकना— जैसे बुलबुल का चहकना। उसकी पाज़ेब की छम-छम— जैसे बरसात का मौसम। ऐसा सावन नहीं देखा, ऐसी बारिश नहीं देखी, ऐसी रिमझिम नहीं देखी, ऐसी ख़्वाहिश नहीं देखी। उसकी बेबाक सी बातें— जैसे सर्दी की हों रातें। उफ़, ये तन्हाई, ये मस्ती— जैसे तूफ़ान में कश्ती। मीठी कोयल सी है बोली— जैसे गीतों की रंगोली। सुर्ख़ गालों पे पसीना— जैसे फागुन का महीना। ऐसी आँखें नहीं देखी, ऐसा काजल नहीं देखा, ऐसा जलवा नहीं देखा, ऐसा चेहरा नहीं देखा। Released:  2002 Album:  AAPKO PEHLE BHI KAHIN DEKHA HAI Artists:  Nikhil-Vinay, Sameer Anjaan, Jagjit Singh, Asha Bhosle  

dekha to tha yunhi kisi ghaflat-shiar ne Ghazal song

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Dekha to tha yunhi kisi ghaflat-shiar ne Ghazal dekha to tha yunhi kisi ghaflat-shiar ne Manjari ghazal song SAHIR LUDHIANVI dekha to tha yunhi kisi ghaflat-shiar ne - Ghazal | manjari | #ghazal #newghazal #manjarisongs orinalcredit Sahir Ludhianvi's ''Dekha To Tha Yun Hi.. Beautiful Covers of dekha to tha yunhi kisi ghaflat-shiar ne by manzari ghazals #manjarighazals #manjarisongs #manjari #ghazal #kabhigunchaakabisgolaa #hindighazal2023 #manjarikidardbharighazal #newghazal #gazal #غزل #منجری غزل #manjarinewghazal2024 #oldghazals #ClassicGhazal #sadghazal #ghazal #ghazal2024 Jagjit Singh ghazal, Farida Khanum ghazal Mehdi Hassan ghazal Begum Akhtar ghazal, Ghulam Ali ghazal, Pankaj Udhas ghazal, Iqbal Bano ghazal, Tina Sani ghazal, Chitra Singh ghazal, Talat Aziz ghazal, Tahira Syed ghazal, Chandan Dass ghazal, Hariharan ghazal, Munni Begum ghazal, Amanat Ali Khan ghazal, Anup Jalota ghazal, Abida Parveen ghazal, Noor Jehan ghazal, Mohammed Ra...

Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai: Adhuri Mohabbat aur Romantic Lyrics

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 Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai Ghazal song Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai Manjari song Tum Hamare nahi to kya gam hai जानिए Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai गीत का मतलब, रोमांटिक भाव और प्यार की पीड़ा। पढ़ें पूरी गीत की कहानी और एहसास ब्लॉग में। Tum Hamare Nahin Song by manjari | ghazal #manjari #manjarisongs #manjarighazals 🌙 Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai – एक अधूरी मोहब्बत का पूरा एहसास — प्यार, दर्द और अपनापन के बीच झूलता एक दिलकश एहसास कभी-कभी मोहब्बत पूरी नहीं होती, लेकिन उसका एहसास इतना गहरा होता है कि दिल फिर भी भरा-भरा लगता है। इसी सूक्ष्म, मीठे-कड़वे भाव को खूबसूरती से बयान करता है गीत — “Tum Hamare Nahin To Kya Gum Hai, Hum Tumhare To Hain Yeh Kya Kam Hai।” यह लाइन सिर्फ एक इज़हार नहीं, बल्कि एक ऐसी भावनात्मक परिपक्वता है जहाँ इंसान मोहब्बत को हक नहीं, एहसास मानता है। चलिये, इस गाने के भावों को थोड़ा करीब से समझते हैं। 🌼 1. एकतरफा प्यार का सबसे खूबसूरत रूप इस गाने का मूल भाव यही है कि: तुम मुझे अपना मानो या मत मानो, पर मेरा दिल अब भी तुम्हारा...

Kabhi Ghunchaa Kabhi Sholaa Kabhi Shabanam Ki Tarah

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 Kabhi Ghunchaa Kabhi Sholaa Kabhi Shabanam Ki Tarah Kabhi Ghunchaa Kabhi Sholaa Kabhi Shabanam Ki Tarah Manjari Ghazal Song  कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह – राणा सहरी की भावपूर्ण ग़ज़ल अगर आप शायरी और ग़ज़ल के प्रेमी हैं, तो राणा सहरी की यह ग़ज़ल आपकी रूह को छू जाएगी। उनकी यह ग़ज़ल इंसान के बदलते भाव, प्यार, जुदाई और जीवन के अनुभवों को बेहद सुंदर ढंग से बयान करती है। ग़ज़ल के मुख्य अश’आर और उनके अर्थ 1. कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह, लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह गुंचा = कली, नाज़ुक शुरुआत शबनम = ओस, कोमलता अर्थ: इंसान और रिश्ते कभी नाज़ुक, कभी प्रबल और कभी कोमल होते हैं। लोग मिलते-जुलते हैं जैसे बदलते मौसम। 2. मेरे महबूब मेरे प्यार को इल्ज़ाम न दे, हिज्र में ईद मनाई है, मुहर्रम की तरह हिज्र = जुदाई अर्थ: प्रियजन अपने प्यार पर आरोप न लगाएँ। मेरी जुदाई में भी भावना और पवित्रता का सम्मान है। 3. मैंने ख़ुशबू की तरह तुझको किया है महसूस, दिल ने छेड़ा है तेरी याद को, शबनम की तरह अर्थ: मैंने अपने प्यार की कोमलता से उसे महसूस कराया। यादें ताजगी और ...

Teri Berukhi Teri Meharbani

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Teri Berukhi Aur Teri Meharbani Ghazal Song Teri Berukhi Teri Meharbani ghazal song by manjari तेरी बेरुख़ी और तेरी मेहरबानी — यही मौत भी, यही ज़िंदगानी भी कभी‑कभी ज़िंदगी हमें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है जहाँ मोहब्बत में मिली बेरुख़ी और मेहरबानी के छोटे‑छोटे लम्हे दोनों एक‑सी अहमियत रखते हैं। किसी का रूठ जाना भी आपको बदल देता है और किसी का एक पल का साथ भी जीने का हौसला बन जाता है। शायद इसी लिए कहा गया: "तेरी बेरुख़ी और तेरी मेहरबानी, यही मौत है और यही ज़िंदगानी…" प्यार की यही दो छोर—दर्द और राहत—मिलकर एक ऐसी कहानी बुनते हैं, जिसमें हर धड़कन एक नया अर्थ ले लेती है। वही फ़साना, वही कहानी — जवानी का रंग मोहब्बत की दास्तानें बदलती नहीं। किरदार बदल जाते हैं, हालात बदल जाते हैं, मगर कहानी का मूल वही रहता है: एक दिल जो टूटता है, एक दिल जो सँभलता है। शायद इसीलिए कहा गया: "वही इक फ़साना, वही इक कहानी, जवानी… जवानी… जवानी…" जवानी का दौर ही ऐसा होता है—जज़्बात गहरे होते हैं, और हर एहसास दिल पर नक़्श बन जाता है। लबों पर मुस्कराहट, आँखों में पानी हम अक्सर दुन...

Bharey Jahan Main Koi Mera Yaar Tha Hi Nahi

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Bhare Jahan Main koi Mera Yaar Tha Hi Nahi  Bharey Jahan Main Koi Mera Yaar Tha Hi Nahi Manjari  किसी का इंतज़ार था ही नहीं – एक दर्दभरी दास्तान कभी-कभी हमारी आँखों में सारी रात जागने की थकान होती है, लेकिन वह थकान किसी और के लिए नहीं होती। यह दिल किसी के लिए बेचैन था ही नहीं। यही भाव हमारे गीत “किसी का इंतज़ार था ही नहीं” में गहराई से झलकता है। गीत की शुरुआत में कहा गया है: “ना ढूंढिए मेरी आँखों में रात जागूँ की थकान, ये दिल किसी के लिए बेचैन था ही नहीं। किसी नजर को मेरा इंतजार था ही नहीं, भरे जहान में कोई मेरा यार था ही नहीं।” यह पंक्तियाँ एक ऐसी अकेली सच्चाई को उजागर करती हैं जिसे शब्दों में बयाँ करना कठिन है। यह दिल अपनी ही दुनिया में किसी का इंतजार किए बिना रहता है, और महसूस करता है कि इस भीड़ भरे जहान में उसके अपना कोई नहीं है। गीत में आगे यह भी कहा गया है कि हमारी मोहब्बत की दास्तान सुनाने की कोशिश की जाती है, लेकिन शायद वह इंसान जिसे हम अपना भरोसा देते हैं, कभी इस पर विश्वास नहीं करता। “सुन रहा हूँ मोहब्बत की दास्तान उसको, मेरी वफ़ा पे जिसे ऐतबार था ही नहीं।...

Jo Thake Thake Se They Song by manjari ghazals

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  Jo Thakey Thakey Se - ghazal song manjari ghazal song اصل - وہ جے سے رہتا ہے - مہدی حسن اصل #منجری غزل #JoThakeyThakeySe #ghazal #ghazal2024 #manjari #manjarighazals Beautiful Covers of Aaj Jaane Ki Zid Na Karo by manzari ghazals #manjarighazals #manjarisongs #manjari #ghazal #aajJanneKiZidNaKaro #hindighazal2023 #manjarikidardbharighazal #newghazal #gazal #tumitnajomuskuraraheho #oldghazals #chithinakoisandesh #sadghazal #ghazal #ghazal2024 Jagjit Singh ghazal, Farida Khanum ghazal Mehdi Hassan ghazal Begum Akhtar ghazal, Ghulam Ali ghazal, Pankaj Udhas ghazal, Iqbal Bano ghazal, Tina Sani ghazal, Chitra Singh ghazal, Talat Aziz ghazal, Tahira Syed ghazal, Chandan Dass ghazal, Hariharan ghazal, Munni Begum ghazal, Amanat Ali Khan ghazal, Anup Jalota ghazal, Abida Parveen ghazal, Noor Jehan ghazal, Mohammed Rafi ghazal, Nayyara Noor ghazal, Khalil Haider ghazal, Habib Wali Mohammad ghazal, Ahmed Rushdi ghazal, Jasvinder Singh ghazal, Master Madan ghaz...

कहीं चाँद राहों में खो गया: अधूरी ख्वाहिशों और यादों की दास्ताँ

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  KAHIN CHAND RAHON MEIN KHO GAYA “दिल की दास्ताँ: अधूरी ख्वाहिशें और यादें” कहीं चाँद राहों में खो गया: अधूरी ख्वाहिशों और यादों की दास्ताँ कभी-कभी हमारी ज़िंदगी के रास्ते ऐसे मोड़ ले लेते हैं, जहाँ हमारी चाहतें पूरी नहीं हो पातीं, और हमारी यादें दिल में गहराई से बस जाती हैं। कुछ पल, कुछ एहसास, और कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो सिर्फ हमारे भीतर ही जीवित रहते हैं। आज हम एक ऐसी ही भावपूर्ण कविता के माध्यम से उन अधूरी ख्वाहिशों और यादों की दास्ताँ को महसूस करेंगे। खोया हुआ चाँद और बुझा हुआ चराग़ कहीं चाँद राहों में खो गया, कहीं चाँदनी भी भटक गई मैं चराग़, वो भी बुझा हुआ, मेरी रात कैसे चमक गई कवि अपने अकेलेपन और अधूरी उम्मीदों को इस तरह व्यक्त करता है। यहाँ चाँद और चराग़ प्रतीक हैं उन ख्वाबों और भावनाओं के जो कहीं खो गए हैं। नर्म पलकों की छाँव में अधूरी दास्ताँ मिरी दास्ताँ का उरूज था तिरी नर्म पलकों की छाँव में मिरे साथ था तुझे जागना, तिरी आँख कैसे झपक गई प्यार में वो नाज़ुक पल, जब सब कुछ पास होते हुए भी अधूरा लगता है। यह पंक्तियाँ उन क्षणों की सुंदरता और कोमलता को उजागर ...

Mere Pahloo Se Woh Uthi Hai Abhi | manjari ghazals

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  Mere Pahloo Se Woh Uthi Hai Abhi | manjari ghazals Mere Pahloo Se Woh Uthi Hai Abhi ghazal song ग़ज़ल सिर्फ शायरी नहीं है, यह दिल की आवाज़ और भावनाओं का संगीत है। हर ग़ज़ल अपने अंदर प्यार, तड़प, विरह, और जीवन की सूक्ष्म भावनाओं को समेटे होती है। 1. ग़ज़ल का परिचय ग़ज़ल अरबी, फ़ारसी और बाद में उर्दू साहित्य में विकसित हुई। यह एक विशेष प्रकार की कविता है जिसमें मिलते-जुलते शेरों (couplets) का संग्रह होता है। हर शेर अपने आप में पूर्ण होता है, लेकिन जब शेरों को एक साथ पढ़ा जाता है, तो एक गहरी कहानी या भावना सामने आती है। 2. ग़ज़ल की संरचना शेर और matla – ग़ज़ल की शुरुआत matla से होती है, जिसमें पहले शेर के दो मिसरे होते हैं। मक़्ता – अंतिम शेर को मक़्ता कहा जाता है, जिसमें अक्सर शायर अपने नाम या तख़ल्लुस का प्रयोग करता है। क़ाफ़िया और रदीफ़ – यह दो महत्वपूर्ण तत्व हैं जो ग़ज़ल की लय और संगीत में जान डालते हैं। 3. भाव और विषय ग़ज़ल में अक्सर ये भाव पाए जाते हैं: इश्क़ और मोहब्बत: प्यार की मीठी अनुभूति और उसकी पीड़ा। विरह और तड़प: दूर रहने वाले प्रेमी या कि...