Aisi Aankhen Nahin Dekhin | Cover Songs Manjari
Aisi Aankhen Nahin Dekhin | Cover Songs Manjari
ऐसी आँखें नहीं देखी,
ऐसा काजल नहीं देखा,
ऐसा जलवा नहीं देखा,
ऐसा चेहरा नहीं देखा।
जब ये दामन की हवा दे—
आग जंगल में लगा दे।
जब ये सहराओं में जाए—
रेत में फूल खिल जाए।
ऐसी दुनिया नहीं देखी,
ऐसा मंज़र नहीं देखा,
ऐसा आलम नहीं देखा,
ऐसा दिलबर नहीं देखा।
उसके कंगन का खनकना—
जैसे बुलबुल का चहकना।
उसकी पाज़ेब की छम-छम—
जैसे बरसात का मौसम।
ऐसा सावन नहीं देखा,
ऐसी बारिश नहीं देखी,
ऐसी रिमझिम नहीं देखी,
ऐसी ख़्वाहिश नहीं देखी।
उसकी बेबाक सी बातें—
जैसे सर्दी की हों रातें।
उफ़, ये तन्हाई, ये मस्ती—
जैसे तूफ़ान में कश्ती।
मीठी कोयल सी है बोली—
जैसे गीतों की रंगोली।
सुर्ख़ गालों पे पसीना—
जैसे फागुन का महीना।
ऐसी आँखें नहीं देखी,
ऐसा काजल नहीं देखा,
ऐसा जलवा नहीं देखा,
ऐसा चेहरा नहीं देखा।
Released: 2002
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